Father and Son
भारतीय पिता पुत्र की जोड़ी भी बड़ी कमाल की जोड़ी होती है।* दुनिया के किसी भी सम्बन्ध में,अगर सबसे कम बोल-चाल है, तो वो है पिता-पुत्र की जोड़ी में। एक समय तक दोनों अंजान होते हैं, एक दूसरे के बढ़ते शरीरों की उम्र से, फिर धीरे से अहसास होता है, हमेशा के लिए बिछड़ने का। जब लड़का,* अपनी जवानी पार कर,* अगले पड़ाव पर चढ़ता है,* तो यहाँ,* इशारों से बाते होने लगती हैं,* *या फिर, इनके बीच मध्यस्थ का दायित्व निभाती है माँ पिता अक्सर पुत्र की माँ से कहता है,जा,* "उससे कह देना" और,* *पुत्र अक्सर अपनी माँ से कहता है, *"पापा से पूछ लो ना" इन्हीं दोनों धुरियों के बीच,* *घूमती रहती है माँ। जब एक,* कहीं होता है,* *तो दूसरा, वहां नहीं होने की,* *कोशिश करता है, शायद,* *पिता-पुत्र नज़दीकी से डरते हैं। *जबकि, *वो डर नज़दीकी का नहीं है, डर है,* उसके बाद बिछड़ने का।* भारतीय पिता ने शायद ही किसी बेटे को,* कभी कहा हो,* *कि बेटा, मैं तुमसे बेइंतहा प्यार करता हूँ* पिता के अनंत रौद्र का उत्तराधिकारी भी वही* *होता है, क्योंकि,* *पिता, हर पल ज़िन्दगी में, अपने बेटे को,* अभिमन्यु स...